यह लंघन होगा विश्वास का , प्रेम का – खुद में , खुद से ।
Author Archives: srijanaatma
गुलमोहर और मैं – भाग ३
वो जो छत वाला हमसफ़र था तुम्हारा, जिसे तुमने चांद पर अपना घर दिखाया था एक दिन, उसने अपना घर कहां बसाया?
गुलमोहर और मैं – भाग १
जो सफेद दुपट्टा पहने रहती हो वही पहन कर आना। आज रंगना जो है तुम्हें।
गुलमोहर और मैं- भाग २
उन दिनों तुम धूप से नहीं बचती थीं। छाता दोस्त नहीं बना था तुम्हारा तब तक।
“मैं” नहीं “तुम”
तुम समर्थन हो – मैं विद्रोह , तुम मोह – मैं त्याग , तुम सतह – मैं रसातल
I Object
I am NOT People I am Me I won’t fit into that box that YOU designed for me . For it to be your suitcase where YOUR insecurities are packed , for it to be a showpiece where YOUR ‘ fake ‘ is flashed . For it to be a vessel where your jealousy isContinue reading “I Object”
Collaboration – Dard ko Nyota – Ye to bas Mehmaan hain
ऐ दर्द न्यौता देती हूं। ये तो बस मेहमान है ।
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Story : ‘ Bano’
जहां कॉलेज के सभी लड़के मुझसे बात करने को तरसते थे , वहां वो पढ़ाकू चश्मे वाला अपनी किताबों में हि डूबा रहता था। जिस दिन हमने पहली बार कॉलेज की कैंटीन में इकठ्ठे चाय पी थी, ये उस वक़्त हि तय हो गया था कि चाय के साथ – साथ हमारा सफ़र लंबा चलेगा।
समंदर ( The Sea )
समंदर अब ख़ाली है।